कानपुर वासियों का इंतजार खत्म! बिना जाम के सेंट्रल तक करिए मेट्रो से सफर।

ब्यूरो रिपोर्ट/ उत्तर प्रदेश
कानपुर वासियों का इंतजार खत्म! बिना जाम के सेंट्रल तक करिए मेट्रो से सफर, स्टेशन से लेकर किराए तक पूरी डिटेल।
Kanpur Metro कानपुर मेट्रो की सेवा अब आईआईटी से सेंट्रल स्टेशन तक विस्तारित होने जा रही है। इसी महीने से मोतीझील से सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे शहरवासियों को कलक्ट्रेट कचहरी प्रमुख बाजारों और अस्पतालों तक पहुंचने में आसानी होगी। मेट्रो के विस्तार से यात्रियों को जाम से मुक्ति मिलेगी और वे कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
कानपुर वासियों का इंतजार खत्म! बिना जाम के सेंट्रल तक करिए मेट्रो से सफर
आशुतोष मिश्र, कानपुर। (Kanpur Metro) आखिर शहरियों का आइआइटी से सेंट्रल स्टेशन तक सफर का लंबा इंतजार अब खत्म होने को है। इसी माह तक उन्हें इस रूट पर सुविधा मिलने लगेगी। कलक्ट्रेट, कचहरी, प्रमुख बाजारों और शहर के प्रमुख अस्पतालों तक पहुंचने का सफर सुगम हो जाएगा। जाम से मुक्ति मिलने के साथ ही कम समय में स्टेशन पहुंच सकेंगे। मोतीझील से सेंट्रल स्टेशन तक के हर स्टेशन पर 12 से 14 मिनट में मेट्रो की सुविधा मिलेगी। आइआइटी से मोतीझील तक अभी की तरह हर पांच से छह मिनट में मेट्री की सेवा मिलती रहेगी।
मोतीझील से सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो का सेवा विस्तार होने के बाद महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थान आइआइटी, सीएसजेएमयू, एनएसआई, आईआईपीआर, पॉलिटेक्निक तक सफर आसान होगा। लाला लाजपत राय अस्पताल, उर्सला अस्पताल, हृदयरोग संस्थान, संक्रामक रोग अस्पताल तक पहुंचने में मरीजों को जाम का सामना नहीं करना होगा। उन्हें सामान्य किराये में एयर कंडीशन की सुविधा भी होगी।
प्रमुख बाजार आर्य नगर, स्वरूप नगर, नवीन मार्केट में खरीददारी करने वाले लोगों को भी सुुविधा मिलेगी। बड़ी संख्या में कलक्ट्रेट और कचहरी पहुचंने वाले लोगों को राहत रहेगी।
मेट्रो के जन संपर्क अधिकारी पंचानन मिश्र ने बताया कि मेट्रो ने मोतीझील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवाओं के विस्तार की तैयारी पूरी कर ली हैं। मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) के निरीक्षण के बाद अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल जाएगा। स्पीडी ट्रायल के बाद इसी माह के आखिर तक आइआइटी से सेंट्रल स्टेशन तक लोगों को मेट्रो की सुविधा मिलने लगेगी।
इस तरह देना होगा किराया (रुपये में)
1 स्टेशन तक यात्रा -10
2 स्टेशन तक-15
3 से 6 स्टेशन तक-20
7 से 10 स्टेशन तक-30
11 से 14 स्टेशन तक- 40
आइआइटी से कानपुर सेंट्रल तक यात्रा-40
14 स्टेशनों तक करिए सफर
आइआइटी, कल्याणपुर, एसपीएम हास्पिटल, छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय, गुरुदेव चौराहा, गीता नगर, रावतपुर, एलएलआर हास्पिटल, मोती झील, चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल। मोतीझील से आगे के सभी पांच स्टेशन भूमिगत होंगे। यानी आइआइटी से मोतीझील तक मेट्रो सड़क के ऊपर और चुन्नीगंज से जमीन के नीचे चलेगी।
हर स्टेशन पर दो द्वार
हर स्टेशन पर दो द्वार प्रवेश और निकास के लिए होंगे। इस तरह 14 स्टेशनों पर 28 द्वार से आवागमन होगा। हर स्टेशन पर आपातकालीन द्वार अलग से हैं। संकेतक यात्रियों को प्रवेश-निकास द्वार, टिकट काउंटर, प्लेटफार्म का रास्ता दिखाएंगे। मेट्रो स्टेशन पर लगाए गए यह संकेतक एलईडी आधारित हैं।
सार्वजनिक सूचना प्रदर्शन प्रणाली भी इंस्टाल है। इस प्रणाली की मदद से लोगों को स्क्रीन पर आने वाली ट्रेन के प्लैटफार्म और समय से जुड़ी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। पांचों भूमिगत स्टेशनों पर सड़क से प्लेटफार्म तक जाने के लिए सीढ़ियां, स्वचालित सीढ़ियां (एस्केलेटर) और लिफ्ट की व्यवस्था है।
आटोमैटिक फेयर कलेक्शन
सभी स्टेशनों की तरह चुन्नीगंज से सेंट्रल स्टेशन तक के मेट्रो स्टेशनों पर टिकट आफिस मशीन और एक्सेस फेयर आफिस मशीनें इस्टाल हैं। आटोमैटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) सिस्टम लगा है। टिकट वेंडिंग मशीन भी है। इन सभी मेट्रो स्टेशनों से यात्रा के लिए टिकटिंग की व्यवस्था पूरी कर ली गई है।
मेट्रो की वाणिज्यिक सेवाओं के दौरान फेयर कलेक्शन के लिए आटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम (एएफसी) का प्रयोग किया जाता है। इस सिस्टम के तहत यात्रा टिकट के लिए सभी स्टेशनों पर टिकट आफिस मशीन, एक्सेस फेयर आफिस, आटोमैटिक फेयर कलेक्शन गेट और टिकट वेंडिंग मशीन की आवश्यकता होती है।
टिकट आफिस मशीन स्टेशन के टिकट काउंटर पर लगाए जाते हैं। एक्सेस फेयर आफिस स्टेशन कंट्रोल रूम में लगा होता है। पांचों स्टेशनों में टिकट काउंटर्स पर कुल मिलाकर 11 टिकट आफिस मशीनें और स्टेशन नियंत्रण कक्षों में पांच ईएफओ लगाए गए हैं।
प्रत्येक स्टेशन के टिकट काउंटर में दो टाम मशीन और सेंट्रल स्टेशन के टिकट काउंटर में तीन टाम मशीन लगाए गए हैं। प्रत्येक स्टेशन पर आठ यानी पांच स्टेशनों पर कुल 40 टिकट वेंडिंग मशीन इस्टाल की गई है। पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी है।