जिला कारागार में शिक्षा और मानवता की मिसाल एडीएम एफआर बने बंदियों के शिक्षक।

जिला कारागार में शिक्षा और मानवता की मिसाल एडीएम एफआर बने बंदियों के शिक्षक।
मातृभूमि की पुकार (ब्यूरो रिपोर्ट धीरज गुप्ता)
शाहजहांपुर जेल में शिक्षा और मानवता की मिसाल: अपर जिला मजिस्ट्रेट बने शिक्षक, बंदियों को बांटे वस्त्र और स्लीपर
शाहजहांपुर। शाहजहांपुर जेल में आज एक अनूठा दृश्य देखने को मिला, जब अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) अरविंद कुमार और पुलिस अधीक्षक (नगर) देवेंद्र कुमार ने जेल का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने न केवल जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया, बल्कि बंदियों के साथ मानवीय संवेदना और शिक्षा का अनुकरणीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
निरीक्षण के दौरान एडीएम अरविंद कुमार ने बंदियों की चल रही कक्षा में शिक्षक की भूमिका निभाई और उन्हें पढ़ाया। उन्होंने बंदियों से योग, प्राणायाम और शारीरिक शिक्षा के बारे में सवाल किए। एक रोचक वाकये में, जब अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार ने एक बंदी से शीर्षासन करने को कहा, तो बंदी ने तुरंत शीर्षासन कर दिखाया, जिससे सभी प्रभावित हुए। बंदियों ने बताया कि वे नियमित रूप से जेल में योग, प्राणायाम और जिम में व्यायाम करते हैं।
अधिकारियों ने जेल प्रशासन, विशेष रूप से वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल की कार्यशैली की सराहना की। बंदियों ने जेल प्रशासन के मधुर व्यवहार और जरूरतमंदों को विभिन्न सहयोगी संस्थाओं से सहायता उपलब्ध कराने के प्रयासों की प्रशंसा की। जेल की साफ-सफाई, हरियाली और फुलवारी की व्यवस्था को भी अधिकारियों ने सराहा। सभी बंदियों के चेहरों पर खुशी और संतुष्टि झलक रही थी, और किसी ने कोई शिकायत नहीं की।
इस अवसर पर, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए वस्त्र और स्लीपर जरूरतमंद बंदियों को वितरित किए गए। टी-शर्ट और स्लीपर पाकर बंदी बेहद खुश नजर आए।
कार्यक्रम में जेलर कृष्ण मुरारी गुप्ता, उप जेलर अनिल विश्वकर्मा, राघवेंद्र सिंह वर्मा, सुभाष चंद्र यादव,कृष्ण कुमार पांडे और श्रीमती पूनम तिवारी उपस्थित रहे।