वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने निभाया भाई का फर्ज , मायूस महिला बंदियों के बने भाई, बंधवाई राखी,दिये मनपसंद उपहार। मुस्लिम महिलाओं ने भी राखी बांधी।

वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने निभाया भाई का फर्ज , मायूस महिला बंदियों के बने भाई, बंधवाई राखी,दिये मनपसंद उपहार। मुस्लिम महिलाओं ने भी राखी बांधी।
मातृभूमि की पुकार (संवाददाता)
शाहजहांपुर जेल में रक्षाबंधन के अवसर पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। जिन महिला बंदियों के या तो भाई मिलने नहीं आए या उनके कोई भाई नहीं है, उन महिला बंदियों के भाई का फर्ज वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने निभाया और मायूस और निराश महिला बंदियों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी।
रक्षाबंधन के अवसर पर जहां 1100 से अधिक बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधी और रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। वहीं वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजीलाल को अनेक महिला बंदी निराशा और मायूस दिखाई दी उनके चेहरे उतरे हुए थे। कारण पूछने पर उन्होंने सभी महिला बंदियों का भाई बनने की बात कही और आनन फानन राखी मिष्ठान एवं आरती मंगाकर 26 महिला बंदियों से राखी बंधवाई, मुंह मीठा कराया। सभी महिला बंदियों ने हंसी-खुशी के माहौल में वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल की बहन बनकर आरती उतारी। इनमें नूरजहां शबनम जुलफीसा, मेहनाज सनीम बानो मुस्लिम महिलाएं एवं रमनदीप कौर ब्रिटिश नागरिक शामिल थी। साथ ही साथ अपने पति के चर्चित हत्याकांड में जेल में बंद महिला बंदी गायत्री भी शामिल हैं।वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने भी भाई का फर्ज निभाया और रीति के अनुसार उन्हें उनके मनपसंद मंहगे मंहगे उपहार भेंट किए। उनके द्वारा सभी महिला बंदियों की पसंद एवं जरुरत के अनुसार एक लिस्ट बनवाई और स्वयं अपनी पत्नी को लेकर बाजार से सुंदर-सुंदर साड़ियां,सूट,कुर्ती एवं लेगिंग, जींस एवं टॉप आदि खरीद कर भेंट किये। मायूस और निराशा महिला बंदी राखी का त्यौहार मना कर एवं मनपसंद उपहार पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा वरिष्ठ जेल अधीक्षक के पावन एवं भावपूर्ण मानवीय कदम की जेल के समस्त बंदियों, स्टाफ एवं बाहर जिन्हें भी जानकारी हो रही है वह सराहना कर रहे हैं।