फिटनेस या फिजूल बयान — समाज में पैदा हुआ गहमागहमी का तूफ़ान।

फिटनेस या फिजूल बयान — समाज में पैदा हुआ गहमागहमी का तूफ़ान।
मातृभूमि की पुकार (संवाददाता)

शाहजहाँपुर। सोशल मीडिया पर एक ऐसा इंटरव्यू वायरल हुआ है जिसने न केवल शहर में बल्कि पूरे जिले में चर्चा का माहौल बना दिया है। इस इंटरव्यू में ‘शरीर को फिट रखने का तरीका’ बताते हुए एक विवादित बयान दिया गया — “खूब करो सेक्स”।इस बयान ने कई वर्गों को नाराज़ कर दिया है और सामाजिक, नैतिक एवं स्वास्थ्य दृष्टिकोण से सवाल खड़े कर दिए हैं।इस इंटरव्यू में युवाओं के मनोदशा पर चोट करने का प्रयास है। उन्होंने पूछा — “क्या ऐसे संदेश अपनी बहन-बेटियों को भी दिए जा सकते हैं?” वहीं हिन्दू जागरण मंच के जिला संयोजक राजेश अवस्थी ने पुलिस प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी — “समय रहते कार्रवाई न हुई तो संगठन कठोर कदम उठाएगा।”विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य और फिटनेस के नाम पर इस तरह के भ्रामक संदेश युवाओं को गुमराह कर सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, योग और पर्याप्त नींद ही सही स्वास्थ्य का आधार हैं, न कि भ्रामक बयान।सोशल मीडिया पर वायरल इंटरव्यू पर शहरवासी भी नाराज़ हैं। फेसबुक के कमेंट बॉक्स में लोग इस पर तीखी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। कई लोग इसे “अनैतिक प्रचार” और “समाज को गुमराह करने वाला” बता रहे हैं।पिछले कुछ वर्षों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति चिंता का विषय बनी है। खासकर जब इसमें अश्लीलता को बढ़ावा देने की कोशिश की जाती है। समाजसेवियों का मानना है कि प्रशासन को ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि युवाओं को सही दिशा मिल सके।इस विवाद ने स्पष्ट कर दिया है कि फिटनेस केवल शरीर की मजबूती नहीं है, बल्कि समाज की सोच और नैतिकता भी उसका हिस्सा है। ऐसे में यह सवाल उठता है — क्या हमें सोशल मीडिया पर ऐसे संदेशों के लिए सतर्क नहीं होना चाहिए?




