शाहजहांपुर

शाहजहांपुर जेल के इतिहास में पहली बार जेल के अंदर हुआ रामलीला का मंचन। शाहजहांपुर जेल की स्थापना 1870 में ब्रिटिश काल में हुई थी।

 

शाहजहांपुर जेल के इतिहास में पहली बार जेल के अंदर हुआ रामलीला का मंचन। शाहजहांपुर जेल की स्थापना 1870 में ब्रिटिश काल में हुई थी।

मातृभूमि की पुकार ( संवाददाता)

शाहजहांपुर जेल में भव्य रामलीला का मंचन किया गया बंदियों के स्वास्थ्य मनोरंजन एवं उन्हें तनाव और अवसाद से दूर रखने के उद्देश्य से रामलीला के सीता स्वयंवर एवं परशुराम लक्ष्मण संवाद का बहुत ही सजीव चित्रण किया गया।
आदर्श दिव्यांग कल्याण समिति के अध्यक्ष हरि शरण बाजपेई जी एवं श्री नीरज बाजपेई के सौजन्य से नव कल चेतना परिषद के कलाकारों के द्वारा गुप्त कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया इस कार्यक्रम में मां सीता स्वयंवर एवं परशुराम लक्ष्मण संवाद एवं धनुष भंग की कथा का मंचन किया गया जिसमें कलाकारों की प्रस्तुति देखने लायक थी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजी लाल के द्वारा रामलीला मंचन के बाद सभी कलाकारों एवं व्यवस्थापकों को सम्मानित किया गया और श्री हरि शरण बाजपेई एवं नीरज बाजपेई जी का एवं नव कल चेतना परिषद के कलाकारों का आभार प्रकट किया कि उनके द्वारा शाहजहांपुर जेल के इतिहास में जेल के अंदर रामलीला मंचन संभव कराया। रामलीला का मंचन देखकर के सभी बंदियों के चेहरे खिले हुए थे। क्योंकि इस समय सभी गांव एवं शहरों में रामलीला का मंचन चल रहा है और जो व्यक्ति जेल में बंद है उन्हें रामलीला देखने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो रहा है ऐसी स्थिति में कारगर के अंदर रामलीला का मंचन करा कर उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि वह भी रामलीला देख सके।
सभी बंधिया के द्वारा वरिष्ठ जेल अधीक्षक मिजाजीलाल का आभार प्रकट किया और खुशी जाहिर की कि उनके आने के बाद जेल का माहौल ही बदल गया है यह सभी बंधिया का इतना ख्याल रखते हैं विशेष रूप से गरीब और जरूरतमंदों की जरूर का विशेष ध्यान रखते हैं।

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