अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, हर आंख नम, हर मन विह्वल।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की भाभी सरला खन्ना की अंतिम विदाई में दिखा अद्भुत दृश्य, शहर की रफ्तार थमी।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, हर आंख नम, हर मन विह्वल।
—वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की भाभी सरला खन्ना की अंतिम विदाई में दिखा अद्भुत दृश्य, शहर की रफ्तार थमी।
मातृभूमि की पुकार (संवाददाता)
शाहजहाँपुर। कुछ विदाइयां शब्दों से परे होती हैं, बुधवार को शाहजहांपुर ने एक ऐसी ही विभूति को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। समाजसेवी कमलेश खन्ना की धर्मपत्नी और प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की भाभी सरला खन्ना (80) की अंतिम यात्रा में बुधवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा। मोहल्ला दीवान जोगराज स्थित आवास से जब उनकी अंतिम यात्रा निकली, तो मानो शहर थम गया। मंगलवार को उनके निधन की खबर फैली, तो दोपहर से ही शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया था। बुधवार सुबह जैसे ही शव यात्रा ने मोक्षधाम गर्रा घाट के लिए प्रस्थान किया, शहर के कोने-कोने से लोग पैदल साथ चल पड़े। कोई पद नहीं देख रहा था, कोई प्रतिष्ठा नहीं गिन रहा था। हर चेहरा भावुक था, हर आंख नम। वीवीआईपी से लेकर आमजन तक श्रद्धांजलि देने को उमड़े। चार कंधों की परंपरा इस शव यात्रा में प्रतीक बन गई, क्योंकि कंधे देने वालों की संख्या गिनती में नहीं थी। हर कोई सिर्फ एक बार अर्थी उठाने को आतुर दिखा। स्वर्गधाम वाहन सुसज्जित था, फिर भी अंतिम यात्रा के प्रमुख पड़ावों तक अर्थी को कंधों पर ही ले जाया गया। गर्रा घाट स्थित श्मशान स्थल पर भीड़ का आलम यह था कि लोग इधर-उधर जगह तलाशते नजर आए। छतों से पुष्पवर्षा हो रही थी। कई शहरों से लोग पहुंचे थे। धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक सभी विचारधाराओं और वर्गों के लोगों ने इस यात्रा में सहभागिता की। ऐसे दृश्य विरले ही देखने को मिलते हैं। जहां न कोई निमंत्रण होता है, न कोई औपचारिकता। बस श्रद्धा, स्मृति और सम्मान का अटूट प्रवाह होता है।