उत्तर प्रदेशशाहजहांपुर

जनपद न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस अधीक्षक ने किया जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण।

जनपद न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस अधीक्षक ने किया जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण।

मातृभूमि की पुकार ( संवाददाता)


शाहजहाँपुर// जनपद न्यायाधीश विष्णु कुमार शर्मा, जिला मजिस्ट्रेट धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी के द्वारा जिला कारागार का आकस्मिक त्रैमासिक निरीक्षण किया गया। सर्वप्रथम तीनों जनपदीय उच्च अधिकारियों के द्वारा कारागार के बाहर मुख्य रोड पर बंदियों द्वारा जेल में निर्मित विभिन्न प्रकार की जनो उपयोगी सामग्री की प्रदर्शनी एवं बिक्री केंद्र का शुभारंभ करके प्रदर्शनी में प्रदर्शित वस्तुओं को देखा सभी सामानों की गुणवत्ता एवं निर्धारित कीमतों की सराहना की तथा कुछ सामान क्रय भी किया।इसके उपरांत सभी उच्च अधिकारियों के द्वारा महिला बैरक का निरीक्षण किया महिला बैंरक में विगत दिनों एक महिला बंदी के द्वारा कन्या को जन्म दिया था। आज उसका जेल प्रशासन की तरफ से नामकरण संस्कार आयोजित था। इस नामकरण संस्कार में सभी उच्च अधिकारियों ने शिरकत की और ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर बंदियों का विशेष रूप से महिला बंदियों का और उनके साथ रह रहे बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए जेल प्रशासन की प्रशंसा की। नामकरण संस्कार का आयोजन वैश्य समाज, महिला प्रकोष्ठ , शाहजहांपुर की पदाधिकारी ज्योति गुप्ता रजनी गुप्ता एवं उड़ान वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष नीलम गुप्ता के सौजन्य से आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में जच्चा बच्चा के लिए विभिन्न प्रकार के उपहार जिसमें जच्चा के लिए पौष्टिक चीजें-जिसमें ड्राई फ्रूट्स, कपड़े, अन्य खाने की वस्तुएं, हाइजीन एवं कॉस्मेटिक किट तथा सभी महिला बंदियों एवं उनके बच्चों के लिए चॉकलेट,फ्रूटी, चिप्स, कुरकुरे, टॉफी, बिस्कुट आदि भेंट किए गए। दोनों स्वयंसेवी संगठनों के सौजन्य से बच्ची के नामकरण के लिए दो अलग-अलग केक भी काटे गए तथा नवजात बच्ची का नाम सभी के मत से एवं मां की इच्छा अनुसार अनमोल रखा गया।इसके बाद सभी उच्च अधिकारियों ने महिला बंदियों से उनकी समस्याएं सुनी। किसी महिला बंदी द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई तथा कहा कि हमारा जेल में जेल अधीक्षक के द्वारा बहुत ध्यान रखा जाता है हमें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है। इस अवसर पर दिव्यांग कल्याण विभाग के द्वारा एक महिला बंदी को जो कि चलने फिरने में असमर्थ थी व्हीलचेयर भेंट की गई। इसके बाद उच्च अधिकारियों के द्वारा पुरुष बंदियों की बैंरकों का निरीक्षण किया और बंदियों की समस्याएं सुनी किसी बंदी के द्वारा जेल प्रशासन की तरफ से कोई समस्या नहीं बताई गई उच्च अधिकारियों के द्वारा जेल में बनाए जा रहे गमले एवं नर्सरी का भी निरीक्षण किया और प्रशंसा किया की। इस तरह के रचनात्मक कार्य बंदियों को स्वावलंबी बनाने में मदद करेंगे। जेल में बंदियों द्वारा बनाई गई अनेक बाल पेंटिंग एवं कैनवस पेंटिंग को देखकर भी उनकी उच्च गुणवत्ता की सराहना की।

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