बहुचर्चित रौली बौरी मरघट की जमीन पर अवैध निर्माण प्रकरण।पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने किया निरीक्षण।

बहुचर्चित रौली बौरी मरघट की जमीन पर अवैध निर्माण प्रकरण।पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने किया निरीक्षण।

मातृभूमि की पुकार (ब्यूरो रिपोर्ट धीरज गुप्ता)
पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने किया निरीक्षण, महिलाओं ने सड़क पर बैठकर सुनवाई की लगाई गुहार
जलालाबाद। तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत रौली बौरी में मरघट की जमीन पर अवैध निर्माण का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। रविवार को प्रशासन द्वारा अवैध कब्जा हटाने की तैयारी के बीच जनपद शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी स्वयं मौके पर पहुंचे और पूरे प्रकरण का निरीक्षण किया।
जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत रौली बौरी में स्थित मरघट की जमीन (शमशान भूमि) पर कुछ लोगों द्वारा कई वर्षों से कब्जा किया गया था और वहां पक्के मकान भी बना लिए गए थे। जब इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुँची, तो प्रशासन ने भूमि को राजस्व अभिलेखों के आधार पर सरकारी संपत्ति घोषित करते हुए कब्जा हटाने की कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी।
रविवार को कार्रवाई से पूर्व एसपी राजेश द्विवेदी ने मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने जमीन से संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के निर्देश दिए और मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा कि कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष और कानूनी रूप से की जाए। एसपी ने स्पष्ट कहा कि सरकारी जमीन पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, लेकिन किसी निर्दोष या गरीब व्यक्ति के साथ अन्याय भी नहीं होना चाहिए।
निरीक्षण के दौरान जैसे ही प्रशासनिक अमला पहुंचा, कब्जाधारकों की महिलाएं सड़क पर बैठ गईं और अधिकारियों से सुनवाई की गुहार लगाने लगीं। महिलाओं का कहना था कि वे लंबे समय से वहीं रह रही हैं और उनके पास रहने के लिए दूसरी कोई जगह नहीं है। उन्होंने आग्रह किया कि कार्रवाई करने से पहले उन्हें बसाने की व्यवस्था की जाए या वैकल्पिक जमीन दी जाए।इस दौरान एसडीएम प्रभात राय, तहसीलदार अनुराग दुबे, कोतवाल राजीव तोमर सहित राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
ग्रामीणों के बीच यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ओर प्रशासन इसे सरकारी जमीन की सुरक्षा का मामला मान रहा है, वहीं दूसरी ओर कब्जाधारक इसे जीविकोपार्जन और निवास का सवाल बता रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन कल सोमवार को मरघट भूमि कब्जा मुक्त कराने को लेकर क्या कार्रवाई करता है




