शाहजहांपुर

नमामि गंगे अन्तर्गत प्राकृतिक कृषि विषयक हुई कार्यशाला

नमामि गंगे अन्तर्गत प्राकृतिक कृषि विषयक हुई कार्यशाला

मातृभूमि की पुकार ( संवाददाता)

शाहजहांपुर। राज्य स्वच्छ गंगा मिशन उत्तर प्रदेश के निर्देशों के क्रम में जिला गंगा समिति, शाहजहाँपुर के बैनर तले कृषि विभाग द्वारा उप कृषि निदेशक पी0के0 मिश्रा की अध्यक्षता में कृषि विज्ञान केन्द्र, नियामतपुर के प्रशिक्षण हॉल में प्राकृतिक कृषि विषयक कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष के0सी0 मिश्रा एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी डॉ0 सुशील कुमार, जिला युवा अधिकारी मयंक भदौरिया, जिला कृषि रक्षा अधिकारी संजय कुमार सहित समस्त अतिथियों ने माँ गंगा एवं माँ सरस्वती के चित्र पर मार्ल्यापण व दीप प्रज्ज्वलन कर लिया। मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में माननीय प्रधानमंत्री जी की महत्वकांक्षी परियोजना नमामि गंगे पर प्रकाश डालते हुये केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के इस प्रयास को सराहा व गंगा ग्रामों से आये कृषकों की सराहना की। उन्होने कृषकों को प्राकृतिक कृषि की ओर बढ़ने हेतु अभिप्रेरित किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ॰ एन॰ सी॰ त्रिपाठी प्रभारी अधिकारी के॰ वी॰ के॰ ने कहा कि आज मनुष्य में अनेक प्रकार की बीमारियां हो रही हैं उसके लिए हमारा दूषित खानपान ही है हम अनेक प्रकार के हानिकारक रसायनों के प्रयोग युक्त खाद्य फसलें पैदा कर रहे हैं उसका विकल्प केवल प्राकृतिक खेती है जिसमें गौपालन का महत्वपूर्ण योगदान है हम सब अब प्राकृतिक खेती को अपनाए।डॉ॰ नरेंद्र प्रसाद ने जैविक फसलों के उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों पर प्रकाश डाला। डॉ॰ एच॰ एच॰ खान, डॉ॰ विमल कुमार एवं डॉ महेश कुमार ने प्राकृतिक रूप से तैयार होने वाले उर्वरकों एवं कीटनाशकों के बारे में विस्तार से बताया। जिला परियोजना अधिकारी (नमामि गंगे) डॉ0 विनय कुमार सक्सेना ने नमामि गंगे की इस पहल को निर्मल व अर्थ गंगा का अभिन्न अंग बताया। प्रगतिशील कृषक एवं गंगा भूमि फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी के एम॰ ड॰ी राकेश कुमार पांडेय ने गौ आधारित प्राकृतिक खेती के अपने अनुभव साझा किए और किसानों से कहा कि गौ आधारित खेती में हमारी लागत शून्य से लेकर न्यूनतम होती है परन्तु खाद्य फसलें हमारी उच्च गुणवत्ता वाली पैदा होती हैं जो रोगों से लड़ने की शक्ति के साथ ही शरीर को स्वस्थ बनाती हैं।गंगा ग्राम एत्मादपुर चक ने एल0आर0पी0 राजेश सक्सेना ने अपनी टीम अशोक, संदीप कुमार, कौशल आदि के साथ गौ मूत्र, बेसन, गुड़ आदि की मदद से जीवामृत बनाकर भी दिखाया तथा उपयोग करने के तरीकों से अवगत कराया।बासमती निर्यात निगम मेरठ से आए एपिडा के प्रभारी अधिकारी डॉ नेत्र पाल शर्मा जी ने बासमती उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों के साथ प्राकृतिक रूप से बासमती उत्पादन करने की किसानों को सलाह दी साथ ही बासमती के निर्यात के बारे में विस्तार से बताएं। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, सिंधौली फार्मा प्रोड्यूसर लिमिटेड व गंगा भूमि फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी की लगाई गयी प्रर्दशनी का अवलोकन किया तथा कृषकों को चढ़-चढ़कर उत्पादों के बारे में बताया गया।मुख्य अतिथि द्वारा समस्त वक्ताओं को प्रतीक चिन्ह सम्मानित किया। उप प्रभागीय वनाधिकारी एवं जिला परियोजना अधिकारी (नमामि गंगे) ने प्रतीक चिन्ह देकर आभार व्यक्त किया। विशेष सहयोग हिमांशु सक्सेना, राजवीर, मनीष, मनोज आदि का रहा।

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