नागरिक सुरक्षा व्यवस्था हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित।

नागरिक सुरक्षा व्यवस्था हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित।
मातृभूमि की पुकार (संवाददाता)
शाहजहाँपुर, 17 जुलाई जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय सभागार में नागरिक सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में नागरिक सुरक्षा के संचालन, वॉलिंटियर्स की तैनाती तथा अन्य अतिरिक्त कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने वार्डन सर्विस वॉलिंटियर्स के चयन की प्रक्रिया की जानकारी ली। बताया गया कि वॉलिंटियर्स की आयु 18 से 50 वर्ष अधिकतम 60 वर्ष तक होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि पूर्व से कार्यरत वॉलिंटियर्स का प्राथमिकता के आधार पर चयन किया जाए, इसके बाद सेक्टर स्तर पर वॉलिंटियर्स का चयन किया जाए।
उन्होंने चयन प्रक्रिया में पुलिस वेरिफिकेशन तथा स्वास्थ्य परीक्षण को अनिवार्य रूप से शामिल करने के निर्देश दिए। आपात स्थिति में त्वरित सूचना और चेतावनी हेतु शहर के 10 प्रमुख स्थानों पर सायरन लगाने के निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि शहर को चार-चार वार्डों में विभाजित कर सेक्टर बनाए जाएं ताकि निगरानी और राहत कार्य सुचारु ढंग से संचालित किए जा सकें।
जिलाधिकारी ने नागरिक सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा नागरिक सुरक्षा एक ऐसी प्रणाली है, जो युद्ध, प्राकृतिक आपदा या अन्य आपात स्थितियों में नागरिकों को सुरक्षित रखने, जीवन और संपत्ति की रक्षा करने, बुनियादी सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने और सामुदायिक मनोबल को सुदृढ़ बनाए रखने हेतु कार्य करती है।
नागरिक सुरक्षा, जिसे नागरिक संरक्षण भी कहा जाता है, एक ऐसी व्यवस्था है जो सरकार द्वारा नागरिकों की रक्षा के लिए बनाई जाती है। इसका उद्देश्य यह होता है कि जब भी कोई बड़ा संकट आए – जैसे युद्ध, भूकंप, बाढ़ या कोई और आपदा – तो लोगों की जान और संपत्ति की रक्षा की जा सके, जरूरी सेवाएं चलती रहें और लोग घबराएं नहीं।
इस व्यवस्था के तहत आपदाओं के आने से पहले ही तैयारी की जाती है, जैसे सुरक्षा उपाय और संसाधनों की व्यवस्था। जब कोई आपदा आती है, तब तुरंत राहत पहुंचाने का काम होता है, जैसे लोगों को सुरक्षित निकालना, प्राथमिक इलाज देना और भोजन, पानी आदि की व्यवस्था करना। आपदा के बाद भी यह व्यवस्था सक्रिय रहती है और लोगों को दोबारा सामान्य जीवन में लौटने में मदद करती है, जैसे कि टूटे हुए घरों का निर्माण, लोगों को बसाना और अन्य ज़रूरी सहायता देना।
नागरिक सुरक्षा में कई लोग मिलकर काम करते हैं। इसमें प्रशिक्षित स्वयंसेवक होते हैं जो किसी भी आपात स्थिति में लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। इसके साथ ही सरकार, गैर सरकारी संगठन और आम नागरिक मिलकर एक टीम की तरह काम करते हैं ताकि सभी को समय पर मदद मिल सके और संकट का सामना मिलकर किया जा सके।
बैठक में नगर आयुक्त डॉ. विपिन कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 विवेक कुमार मिश्रा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन रजनीश कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण दीक्षा भंवरे, नगर मजिस्ट्रेट प्रवेन्द्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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