क्या आपको पता है, फर्रुखाबाद पांचाल घाट पुल का निर्माण कब हुआ था। और कितना पुराना है यह पुल।

ब्यूरो रिपोर्ट फर्रुखाबाद
संजीव कुमार प्रजापति
क्या आपको पता है, फर्रुखाबाद पांचाल घाट पुल का निर्माण कब हुआ था। और कितना पुराना है यह पुल।
फर्रुखाबाद में स्थित पांचाल घाट पुल का निर्माण बताया जा रहा है, कि 1971 से 1975 के बीच में हुआ था। यह पुल लगभग 50 साल पुराना पुल है। राजा द्रोपद की राजधानी पांचाल प्रदेश में पांचाल घाट हुआ करता था। लेकिन लोगों की मानें तो त्रेता युग मे गणमुक्तेश्वर में जन्मे स्रंगी ऋषि को किसी कारण से श्राप लगा होने के कारण उनके सिर पर तीन सींग निकल आए। फिर उनको खत्म करने के लिए गंगा के किनारे तपस्या करने को कहा गया तो वह वहां से जिस स्थान पर गंगा के किनारे रुके तो उन्हीं के आधार पर उसका नाम रख दिया गया था।
पांचाल घाट नाम दोबारा से लिया जाने लगा।
उसी प्रकार जब वह पांचाल घाट पहुंचे तो उनके तीनो सिंघों का बहुत तेजी से घटना शुरू हो गया। उसी बजह से इस घाट का नाम घटिया पड़ गया। तभी से इस घाट को घटियाघाट कहने लगे। लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी एनकेएस चौहान ने घटियाघाट के मुख्यमार्ग का सुंदरीकरण कराकर उसका दोबारा से पांचाल घाट रखने की कबायद शुरू कर दी। उसके बाद सबसे पहले अपने सरकारी फाइलों में घटियाघाट का नाम बदलकर पांचाल घाट करा दिया। उसके बाद उन्होंने पूरे जिले में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया जो भी कर्मचारी घटियाघाट नाम लेगा उसके ऊपर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इस मुहिम में को लोगो ने सहयोग किया उसके बाद हर कार्य मे पांचाल घाट नाम दोबारा से लिया जाने लगा है।